महानता और उदारता साथ-साथ चलती है। देने का अर्थ ही प्यार करना है और प्यार करना, स्नेह लुटाना मनुष्य का सबसे कर्तव्य है। जो कुछ तुम सहर्ष उदारतापूर्वक दोगे, वह अप्रत्याशित तरीकों से तुम्हारे जीवन को समृद्ध कर जाएगा।
-ईसा मसीह
जो ख़ुद को छोटा बताते हैं, वही आगे चलकर महान बनते हैं और जो ख़ुद को महान बताते हैं, वे छोटे बन जाते हैं।
कीचड़ में कमल होता है। बुरे से ही अच्छाई का जन्म होता है।
- सुभाषित
कमल खिलता है तो भँवरे आते ही हैं। गुण है तो प्रशंसक आयेंगे ही।
- चाणक्य
एक छोटा सा कण भी शक्ति रखता है।
-चाणक्य
उदित होते हुए सूर्य को सभी नमस्कार करते हैं।
-चाणक्य
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